उत्तर प्रदेश (इटावा)
इटावा। वर्चुअल विधिक साक्षरता शिविर वेबिनार के माध्यम से लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण व बच्चों की गुमशुदगी एवं विधि का उल्लंघन करने वाले किशोरों के संबंध में जागरूकता कार्यक्रम संपन्न हुआ जिसमें पुलिस की महत्ता पर जोर दिया गया।

कायर्क्रम में ज़िला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव नूहिन ज़ैदी ने कहा कि जिस देश का बचपन जितना समृद्ध, सुखद एवं स्वस्थ होगा, उसका भविष्य उतना ही उज्जवल, आशावान एवं सुखमय होगा। बच्चों को भी भारतीय संविधान द्वारा गरिमा पूर्ण जीवन का अधिकार है इसी उद्देश्य से राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा नाल्सा- चाइल्ड फ्रेंडली लीगल सव्रिसिज चिलडर्न एंड देअर प्रोटेक्शन स्क्रीम २०१५ बनायी गयी जिसका मूल उद्देश्य बच्चों के अधिकारों की सुरक्षा है। बच्चों के प्रति अपने अपने कर्तव्यों के लिए हमें सेंसेटाइज़ होने की आवश्यकता है।

इस मौके पर पुलिस विभाग की ओर से एस.पी. क्राइम द्वारा पाक्सो एक्ट के व्यवहारिक पहलुओं पर प्रकाश डाला गया। ज़िला संरक्षण अधिकारी सोहन कुमार द्वारा पाक्सो एक्ट के संबंध में विस्तार से बताया गया तथा बच्चों के कल्याण के संबंध में महत्वपूर्ण सुझाव भी दिये गये। सीओ सैफई आलोक प्रसाद द्वारा पोक्सो एक्ट जुवेनाइल एक्ट के संबंध में जानकारी दी गई। पुलिस विभाग को सेंसेटाइज़ किये जाने की आवश्यकता पर बल दिया गया और कहा गया कि बच्चों के संबंध में हुए अपराधों को हल्के में नहीं लेना चाहिए व ज़्यादा से ज़्यादा मामलों को दर्ज किया जाना चाहिए। बच्चों की गुमशुदगी के संबंध में तुरंत कार्यवाही होनी चाहिये। स्कूलों से ही शुरूआत होनी चाहिए। दिनेश चौरसिया विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट द्वारा पाक्सो एक्ट के संबंध में पुलिस द्वारा की जाने वाली विलंब की कायर्वाही सहित व्यावहारिक पहलुओं पर प्रकाश डाला गया।

इस वेबिनार में ज़िला प्रोबेशन अधिकारी, विभिन्न थानों की पुलिस सहित प्रशासकीय एवं न्यायिक अधिकारी उपस्थित रहे। अंत में सभी का आभार व्यक्त किया गया।
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