जोशीमठ के तपोवन में आई आपदा और उसमें जान गवाने वाले लोगों की आत्मा शांति के अर्चक पुरोहित महासभा की ओर से मंत्रोच्चारण के साथ दीपदान किया गया। इस दौरान भगवान से प्रार्थना की गई कि इस प्रकार की आपदा का सामना भविष्य में लोगों को न करना पड़े। रुड़की में गंग नहर लक्ष्मी नारायण घाट पर आयोजित दीपदान से पूर्व नगर के प्रमुख ज्योतिषाचार्य और ब्राह्मणों ने मंत्रोच्चारण कर जोशीमठ आपदा में मृतक लोगों की। आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की इस दौरान महासभा के अध्यक्ष रजनीश शास्त्री ने कहा कि इस प्रकार की आपदाओं पुरनावृति न हो इसके लिए भगवान से प्रार्थना की गई है उन्होंने कहा कि प्रकृति से छेड़छाड़ भी आपदाओं का प्रमुख कारण है और महासभा सरकार से अपील करती है कि पेड़ों का कटान खनन आदि जैसी चीजों पर रोक लगाई जाए ताकि प्रकृति संतुलित रूप में रहे। महासचिव कैलाश शास्त्री ने कहा कि हिमालय क्षेत्र में विकास के नाम पर हो रहे कार्य से प्रकृति का संतुलन बिगड़ रहा है और इस प्रकार की आपदाएं जानमाल को नुकसान पहुंचाती है। ज्योतिषाचार्य रमेश सेमवाल ने कहा कि विश्व में सुख शांति कायम रहे इसकी कामना भी की गई है। इस दौरान 108 दियों को गंगा में प्रवाहित कर मृतक आत्मा की शांति की प्रार्थना की गई। इस अवसर उपाध्यक्ष हरीश डिमरी, महामंत्री कैलाश सेमवाल, कोषाध्यक्ष जगदीश पैन्यूली, रामगोपाल पराशर, परवीन शास्त्री, आचार्य लोकेश शास्त्री आदि मौजूद रहे।
दीपदान कर आपदा में मृत लोगों को दी श्रधांजलि-प्रकृति से छेड़छाड़ पर रोक लगाए जाने की अर्चक पुरोहित महासभा ने की मांग..

Image Credit: IndiaBelieveNews
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